112 सूरए अल इख़लास
सूरए अल इखलास मक्का में नाजि़ल हुआ और इसकी 4 आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि ख़ुदा एक है (1)
ख़ुदा बरहक़ बेनियाज़ है (2)
न उसने किसी को जना न उसको किसी ने जना, (3)
और उसका कोई हमसर नहीं (4)

सूरए इख़लास ख़त्म