106 सूरए क़ुरइश
सूरए क़ुरइश
सूरए कुरइश मक्का या मदीना में नाजि़ल हुआ और इसकी चार (4) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
चूँकि क़ुरइश को जाड़े और गर्मी के सफ़र से मानूस कर दिया है (1)
तो उनको मानूस कर देने की वजह से (2)
इस घर (काबा) के मालिक की इबादत करनी चाहिए (3)
जिसने उनको भूख में खाना दिया और उनको खौफ़ से अमन अता किया (4)

सूरए क़ुरइश ख़त्म