105 सूरए अल फ़ील
सूरए अल फ़ील मक्का में नाजि़ल हुआ और इसकी पाँच आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
ऐ रसूल क्या तुमने नहीं देखा कि तुम्हारे परवरदिगार ने हाथी वालों के साथ क्या किया (1)
क्या उसने उनकी तमाम तद्बीरें ग़लत नहीं कर दीं (ज़रूर) (2)
और उन पर झुन्ड की झुन्ड चिडि़याँ भेज दीं (3)
जो उन पर खरन्जों की कंकरियाँ फेकती थीं (4)
तो उन्हें चबाए हुए भूस की (तबाह) कर दिया (5)

सूरए अल फ़ील ख़त्म